Showing posts with label समाजवादी पार्टी. Show all posts
Showing posts with label समाजवादी पार्टी. Show all posts

Tuesday, March 26, 2013

बीजेपी और समाजवादी पार्टी में दूरियां घट रही हैं .




शेष नारायण सिंह
मुंबई, २४ मार्च .सत्ता की राजनीति में बड़े पैमाने पर मंथन चल रहा है .बीजेपी के नेता और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी  राष्ट्रीय राजनीति में धमाकेदार इंट्री ली हैं .आम तौर पर माना जा रहा है की बीजेपी वाले उनको ही आगे  करके कांग्रेस के खिलाफ मोर्चेबंदी करेंगे .हिंदुत्व का  राजनीतिक इस्तेमाल उत्तर  प्रदेश में ही शुरू हुआ था. बाद में नरेंद्र मोदी ने उसका गुजरात में सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया . मुसलमानों का खौफ पैदा करके वहाँ के हिंदुओं को एक किया और लगातार चुनाव जीतने  का  रिकार्ड बनाया .आज पूरे देश में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के उसी माडल को लागू करने की कोशिश की जा रही है . बीजेपी के नेता अभी तो न नुकुर कर रहे हैं लेकिन ईमान है कि आने वाले वक़्त में मोदी की ताक़त भारी पड़ेगी और  धार्मिक ध्रुवीकरण को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की राजनीति आर एस एस की मंजूरी के साथ लोकसभा २०१४ में इस्तेमाल की जायेगी. 
हिंदुत्व  को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने की बीजेपी की कोशिश में उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी अड़चन मुलायम सिंह यादव की पार्टी रही है.अगर कहा जाए कि  लाल कृष्ण आडवानी के हिंदुत्व के अभियान को मुलायम सिंह यादव ने रोक दिया था तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. हिंदुत्व के राजनीतिक इस्तेमाल की उनकी मंशा के खिलाफ मुलायाम सिंह यादव चट्टान की तरह खड़े हो गए थे . उसका उनको राजनीतिक लाभ भी मिला. पिछले बीस वर्षों में कई बार उत्तर प्रदेश में सरकार बनी और केन्द्र में भी रक्षा मंत्री तक की पोजीशन तक पंहुचे .उन्होंने हमेशा कहा है कि लाल कृष्ण आडवानी इतिहास की गलत व्याख्या करते  हैं .खास तौर पर अयोध्या की बाबरी मसजिद के बारे में तो लाल कृष्ण आडवानी की हर बात को मुलायम सिंह यादव ने गलत बताया है लेकिन लखनऊ की एक सभा में उन्होंने ऐलान किया  कि लाल कृष्ण आडवानी कभी झूठ नहीं बोलते . उस सभा में मुलायाम सिंह यादव के प्रशंसक  इकठ्ठा हुए थे लेकिन जब   मुलायम सिंह यादव 
ने आडवाणी की तारीफ़ के पुल बांधना शुरू किया तो उन लोगों को अपने कानों पर 

विश्वास ही नहीं हुआ .मुलायम सिंह यादव ने कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी जैसे 


बड़े नेता ने उनसे कहा है कि वह चाहते हैं कि सूबे में सपा की सरकार चले लेकिन 

उप्र में भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है। बकौल मुलायम 'यदि आडवाणी ऐसा कह रहे हैं तो 

हमें निश्चित समीक्षा करनी चाहिए। आडवाणी कभी झूठ नहीं बोलते।' मुलायम सिंह 

यादव के इस बयान को राजनीतिक विश्लेषक भूलवश दिया गया बयान नहीं मानते. 

ऐसा लगता है कि  समाजवादी पार्टी में बीजेपी को लेकर गंभीर विचार मंथन चल 

रहा है .अभी कुछ दिन पहले पार्टी के दूसरे सबसे महत्वपूर्ण नेता राम गोपाल यादव 

ने बीजेपी के सबसे बड़े नेता अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ़ की थी और कहा था 


कि अगर उनकी सरकार के ऊपर २००२ के गोधरा के बाद के नर संहार का दाग न 


लगा होता तो वे डॉ मनमोहन सिंह से बहुत अच्छे प्रधान मंत्री थे. उन्होंने कहा  था 

कि अटल जी और डॉ मनमोहन सिंह में कोई तुलना नहीं की जा सकती .

इसके अलावा भी समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच बढ़ रही नजदीकियां और भी अवसरों पर देखी गयी हैं . राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान लोकसभा में सपा और भाजपा के बीच नए समीकरणों के संकेत दिखे। मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के सामने दोनों दलों के बीच दूरी  कम करने का एक  फार्मूला पेश किया .बीजेपी के देशभक्ति, सीमा और भाषाई मुद्दों से शत-प्रतिशत सहमति जताते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि यदि मुसलिम और कश्मीर मुद्दे पर वे अपनी नीति बदल लें तो उनके-हमारे बीच की दूरी कम हो जाएगी। जवाब में राजनाथ ने दोनों दलों के बीच दूरियां होने की बात को नकारते हुए भविष्य में साथ आने के संकेत भी दे दिए. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बुधवार को विपक्ष की तरफ से चर्चा की शुरुआत करते हुए राजनाथ ने किसानों, गरीबों की बात की तो वह मुलायम सिंह यादव बहुत प्रभावित हुए . मुलायम सिंह ने राजनाथ की ओर मुखातिब होकर कहा कि देशभक्ति, सीमा मामलों और भाषा पर हमारी व बीजेपी की नीति एक ही है बीच की दूरी कम हो जाएगी .उनकी इस बात पर बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उठकर हमारे और आपके बीच में दूरी कहां है? अगली बार निश्चित तौर पर आप हमारे साथ होंगे। मुलायम ने भी जोर देकर दोबारा कहा, मैं फिर कह रहा हूं और इस सदन में कह रहा हूं कि भाजपा अपनी नीति बदल रही है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में सत्ता की इस करवट का मतलब समझ में आना शुरू तो हो गया है लेकिन आने वाले दिनों में इसके संकेत और साफ़ हो जायेगें .और अगर यह तय हो गया कि समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच दोस्ती बढ़ रही है तो उत्तर प्रदेश में राजनीति का खेल बिलकुल बदल जाएगा 

Wednesday, January 18, 2012

बटला हाउस काण्ड पर अमर सिंह और समाजवादी पार्टी के बीच बयानबाजी तेज़

शेष नारायण सिंह

नई दिल्ली, १७ जनवरी. दिल्ली के ओखला इलाके के बटला हाउस में सितम्बर 2008 में हुए कथित मुठभेड़ में मारे गए मुस्लिम नौजवानों और दिल्ली पुलिस के इन्स्पेक्टर मोहन चन्द्र शर्मा की मौत पर हो रही राजनीति में एक नया आयाम जुड़ गया है . उत्तर प्रदेश में चुनावी दौरे कर रहे, लोकमंच के नेता,अमर सिंह ने कल बयान दे दिया था अकी उनकी पुरानी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उन्हें बटला हाउस जाकर मुस्लिम नौजवानों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने से रोका था . सब को मालूम है कि आजकल अमर सिंह मुलायम सिंह के घोर विरोधी हैं और उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि हो सकता है कि उनकी पार्टी चुनाव में सीटें न जीते लेकिन वे मुलायम सिंह की पार्टी को नुकसान ज़रूर पंहुचायेगें . बटला हाउस केस में मुलायम सिंह यादव की भूमिका को मुस्लिम विरोधी बताते हुए अमर सिंह की कोशिश है कि वे मुसलमानों को समाजवादी पार्टी से दूर खींच ले जाएँ . ज़ाहिर है कि समाजवादी पार्टी को यह बात पसंद नहीं आई और पार्टी ने अमर सिंह के बयान को बेबुनियाद ,झूठा और बेहूदा बताया और उसका खंडन किया .

अमर सिंह का बटला हाउस संबंधी बयान आज के अखबारों में छपा है . समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. राम गोपाल यादव ने आज उस बयान को पूरी तरह से गलत बताया और उसका खंडन किया. उन्होंने कहा कि अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि श्री यादव ने उन्हें घटना स्थल पर जाने से रोका था . यह बयान पूरी तरह से झूठा और तथ्यहीन है .उन्होंने कहा कि मैं और अमर सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर बटला हाउस गए थे .अमर सिंह ने बटला हाउस में मारे गए इन्स्पेक्टर शर्मा के पिताजी को दस लाख रूपये देने की घोषणा की थी और चेक भी भेजा था. समाजवादी पार्टी ने चेक देने का विरोध किया था. बाद में स्वर्गीय शर्मा के पिता जी ने वह चेक वापस कर दिया था. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उस इनकाउंटर को फर्जी मानते हुए अपने प्रतिनिधि के रूप में हमें भेजा था .इसलिए अमर सिंह के बेबुनियाद, झूठे और बेहूदे बयान का समाजवादी पार्टी खंडन करती है .
अमर सिंह ने प्रो.राम गोपाल यादव के बयान को दुर्भावनापूर्ण बताया और कहा कि बटला हाउस काण्ड में मुस्लिम बच्चे भी मारे गए थे और दिल्ली पुलिस के इन्स्पेक्टर शर्मा भी मारे गए थे . दोनों ही साज़िश का शिकार हुए थे. इनकाउंटर फर्जी था और इन्स्पेक्टर शर्मा को भी किसी साज़िश के तहत मारा गया था. इसलिए मैंने उनके परिवार को दस लाख रूपये देने की पेशकश की थी . साथ ही मैं जामिया मिलिया जाकर उन मुस्लिम लड़कों को भी दस लाख देकर आया था जो फर्जी इनकाउंटर के शिकार मुस्लिम लड़कों के सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे थे और यह साबित करने की कोशिश कर रहे थे के मारे गए लड़के आतंकवादी नहीं थे ,वे निर्दोष थे. . उन्होंने समाजवादी पार्टी के उस बयान को भी गलत बताया कि इन्स्पेक्टर शर्मा के परिवार को चेक देने का विरोध समाजवादी पार्टी ने किया था. उसका विरोध वास्तव में संघ परिवार और बीजेपी ने किया था . बटला हाउस में मारे गए एक लडके के पिता शादाब साहेब आज़म गढ़ में समाजवादी पार्टी की ज़िला ईकाई के उपाध्यक्ष थे . समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष बलराम यादव ने उन्हें पार्टी से यह कह कर निकाल दिया था कि एक दहशत गर्द के बाप को पार्टी में रहने का कोई हक नहीं है . इसलिए समाजवादी पार्टी को कोई हक नहीं है कि वह आज अपने आप को मुसलमानों का खैरख्वाह बताये .अमर सिंह कहते हैं कि जो लड़के बटला हाउस के फर्जी इनकाउंटर में मारे गए थे वे आज़मगढ़ के थे ,इसलिए वे उनके ज़्यादा करीबी थे .बटला हाउस का वाकया उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के वोट खींचने का एक अहम तरीका बनता जा रहा ज़ाहिर है अभी इसके बारे में बहुत कुछ बयान आयेगें .