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Wednesday, January 18, 2012

बटला हाउस काण्ड पर अमर सिंह और समाजवादी पार्टी के बीच बयानबाजी तेज़

शेष नारायण सिंह

नई दिल्ली, १७ जनवरी. दिल्ली के ओखला इलाके के बटला हाउस में सितम्बर 2008 में हुए कथित मुठभेड़ में मारे गए मुस्लिम नौजवानों और दिल्ली पुलिस के इन्स्पेक्टर मोहन चन्द्र शर्मा की मौत पर हो रही राजनीति में एक नया आयाम जुड़ गया है . उत्तर प्रदेश में चुनावी दौरे कर रहे, लोकमंच के नेता,अमर सिंह ने कल बयान दे दिया था अकी उनकी पुरानी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उन्हें बटला हाउस जाकर मुस्लिम नौजवानों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने से रोका था . सब को मालूम है कि आजकल अमर सिंह मुलायम सिंह के घोर विरोधी हैं और उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि हो सकता है कि उनकी पार्टी चुनाव में सीटें न जीते लेकिन वे मुलायम सिंह की पार्टी को नुकसान ज़रूर पंहुचायेगें . बटला हाउस केस में मुलायम सिंह यादव की भूमिका को मुस्लिम विरोधी बताते हुए अमर सिंह की कोशिश है कि वे मुसलमानों को समाजवादी पार्टी से दूर खींच ले जाएँ . ज़ाहिर है कि समाजवादी पार्टी को यह बात पसंद नहीं आई और पार्टी ने अमर सिंह के बयान को बेबुनियाद ,झूठा और बेहूदा बताया और उसका खंडन किया .

अमर सिंह का बटला हाउस संबंधी बयान आज के अखबारों में छपा है . समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. राम गोपाल यादव ने आज उस बयान को पूरी तरह से गलत बताया और उसका खंडन किया. उन्होंने कहा कि अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि श्री यादव ने उन्हें घटना स्थल पर जाने से रोका था . यह बयान पूरी तरह से झूठा और तथ्यहीन है .उन्होंने कहा कि मैं और अमर सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर बटला हाउस गए थे .अमर सिंह ने बटला हाउस में मारे गए इन्स्पेक्टर शर्मा के पिताजी को दस लाख रूपये देने की घोषणा की थी और चेक भी भेजा था. समाजवादी पार्टी ने चेक देने का विरोध किया था. बाद में स्वर्गीय शर्मा के पिता जी ने वह चेक वापस कर दिया था. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उस इनकाउंटर को फर्जी मानते हुए अपने प्रतिनिधि के रूप में हमें भेजा था .इसलिए अमर सिंह के बेबुनियाद, झूठे और बेहूदे बयान का समाजवादी पार्टी खंडन करती है .
अमर सिंह ने प्रो.राम गोपाल यादव के बयान को दुर्भावनापूर्ण बताया और कहा कि बटला हाउस काण्ड में मुस्लिम बच्चे भी मारे गए थे और दिल्ली पुलिस के इन्स्पेक्टर शर्मा भी मारे गए थे . दोनों ही साज़िश का शिकार हुए थे. इनकाउंटर फर्जी था और इन्स्पेक्टर शर्मा को भी किसी साज़िश के तहत मारा गया था. इसलिए मैंने उनके परिवार को दस लाख रूपये देने की पेशकश की थी . साथ ही मैं जामिया मिलिया जाकर उन मुस्लिम लड़कों को भी दस लाख देकर आया था जो फर्जी इनकाउंटर के शिकार मुस्लिम लड़कों के सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे थे और यह साबित करने की कोशिश कर रहे थे के मारे गए लड़के आतंकवादी नहीं थे ,वे निर्दोष थे. . उन्होंने समाजवादी पार्टी के उस बयान को भी गलत बताया कि इन्स्पेक्टर शर्मा के परिवार को चेक देने का विरोध समाजवादी पार्टी ने किया था. उसका विरोध वास्तव में संघ परिवार और बीजेपी ने किया था . बटला हाउस में मारे गए एक लडके के पिता शादाब साहेब आज़म गढ़ में समाजवादी पार्टी की ज़िला ईकाई के उपाध्यक्ष थे . समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष बलराम यादव ने उन्हें पार्टी से यह कह कर निकाल दिया था कि एक दहशत गर्द के बाप को पार्टी में रहने का कोई हक नहीं है . इसलिए समाजवादी पार्टी को कोई हक नहीं है कि वह आज अपने आप को मुसलमानों का खैरख्वाह बताये .अमर सिंह कहते हैं कि जो लड़के बटला हाउस के फर्जी इनकाउंटर में मारे गए थे वे आज़मगढ़ के थे ,इसलिए वे उनके ज़्यादा करीबी थे .बटला हाउस का वाकया उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के वोट खींचने का एक अहम तरीका बनता जा रहा ज़ाहिर है अभी इसके बारे में बहुत कुछ बयान आयेगें .