Friday, February 24, 2012

मायावती का दावा --उनकी पार्टी में जो अपराधी थे वे पिछली सरकार की विरासत थे

शेष नारायण सिंह

ग्रेटर नोयडा ,२२ फरवरी.ग्रेटर नोयडा के नालेज पार्क में आज उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री ने एक चुनावी सभा में स्वीकार किया कि पिछले पांच साल में उनकी पार्टी या सरकार में जो भी अपराधी या नेता थे वे पिछली सरकार की विरासत थे. उन्होंने पूरी कोशिश की कि उनको सुधारा जाये लेकिन जब वे सफल नहीं रहीं तो उन्होंने खराब छवि वालों को पार्टी का टिकट नहीं दिया . उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि प्रदेश के विकास के लिए ज़रूरी अस्सी हज़ार करोड़ रूपये केंद्र सरकार ने नहीं दिया इसलिए वे प्रदेश का वैसा विकास नहीं कर पायीं जैसा वे करना चाहती थीं.इसके बावजूद उन्होंने अपील की कि गौतम बुद्ध नगर से चुनाव लड़ रहे उनके तीनों ही उम्मीद्वारों को चुनाव में विजयी बनाया जाए. उनकी सभा में राज्य के मंत्री, वेदराम भाटी, लोकसभा सदस्य सुरेन्द्र नागर, विधायक, सतवीर गुर्जर और सतीश अवाना के अलावा जिला पंचायत की अध्यक्ष जयवंती नागर भी मौजूद थीं.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनावी अभियान पर निकलीं मायावती ने आज गौतम बुद्ध नगर जिले में समाजवादी पार्टी,कांग्रेस और बीजेपी के खिलाफ राजनीतिक हमला बोला. उनकी सभा में भीड़ तो उम्मीद से बहुत कम थी लेकिन उन्होंने कहा कि मेरे सामने जो अपार जनसमूह मौजूद है उसे चाहिए कि वह अगले हफ्ते होने वाले मतदान में तीनों ही विपक्षी पार्टियों को चुनाव में शिकस्त दे और उनके उमीदवारों को विजयी बनाए. चुनावी सभा ख़त्म होने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी के स्थानीय नेताओं को फटकारा भी कि आप इतने लोग यहाँ मंत्री, विधायक , सांसद ,जिला परिषद् अध्यक्ष आदि पदों पर मौजूद हैं लेकिन सभा में भीड़ बहुत कम है. बताते हैं उन्होंने कहा कि अगर हर एक विधायक और सांसद ने एक हज़ार लोगों को बुलाया होता तो कम से कम दस हज़ार लोग होते . भाषण तो उनका वही रहा जो अन्य चुनाव सभाओं में होता रहा है लेकिन आज उन्होंने इस बात पर बहुत जोर दिया कि केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी न मिलने के कारण बहुत सी ऐसी योजनायें नहीं लागू की जा सकीं जिसमें सरकार का एक भी पैसा नहीं लगना था .लेकिन उन योजनाओं में इलाके के लोगों को बहुत सारे रोज़गार मिल जाते . उन्होंने बहुत जोर देकर कहा कि उद्योगपतियों के ज़रिये वे राज्य का विकास करवाना चाहती थीं लेकिन केंद्र सरकार ने मंजूरी न देकर काम खराब कर दिया . वे आज प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप की बहुत बड़ी समर्थक के रूप नज़र आयीं . में उन्होंने कहा कि केन्द्रीय योजनायें भी राज्य में नहीं चलाई जा सकीं क्योंकि केंद्र सरकार ने अपने कोटे का धन राज्य सरकार को नहीं दिया . उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी सहित सपा की सरकार आने के खतरे गिनाये और लोगों को समझाया कि अगर आपकी लापरवाही से किसी भी विपक्षी पार्टी की सरकार बन जाती है तो आम आदमी के लिए बहुत मुश्किल हो जायेगी.
मायावती ने दावा किया कि उन्होंने अपने पांच साल के राज में गन्ना किसानों बहुत लाभ पंहुचाया. गन्ने की कीमत जो २००७ में १२५ रूपये प्रति कुंतल थी उसे अब २५० रूपये प्रति कुंतल कर दिया गया है .उन्होंने कहा कि किसानों के डेढ़ हज़ार करोड़ रूपये के बिजली के बिल माफ़ कर दिए गए हैं .दलितों के लिए २५ लाख रूपये तक के ठेकों में आरक्षण कर दिया गया है ..राज्य के विभाजन के लिए उन्होंने २००७ में ही केंद्र सरकार को चिट्ठी लिख दी थी और बाद में उस पर दबाव बनाने के लिए विधान सभा में प्रस्ताव पास करवा कर भी भेज दिया लेकिन केंद्र सरकार ने इसका कोई जवाब नहीं दिया . बाहर निकले पर उनकी पार्टी के ही एक कार्यकर्ता ने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि बहन जी अब गलत बातें करके अपनी बात को मनवाने की कोशिश कर रही हैं .उसने कहा कि केंद्र सरकार ने उनके विभाजन वाले प्रस्ताव का जवाब तो भेज दिया था. केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने चिट्ठी लिख कर कहा था कि राज्य के विभाजन के बारे में सही तरीके प्रस्ताव लाना चाहिए ,केवल विधान सभा में पास हुए एक लाइन के प्रस्ताव से काम नहीं चलेगा . उसने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ यू पी सरकार ने खिलवाड़ किया है ,. उसने कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का इतना बड़ा घोटाला जो हुआ है वह केन्द्रीय सरकार का ही पैसा था., मनरेगा में भी पूरी रकम केंद्र से ही आती है और उसका भी फायदा हमारी सरकार के घूसखोर अफसरों और मंत्रियों की जेब में जा रहा है , आम आदमी उस से उतना भी लाभ नहीं ले पा रहा है जितना उसे मिलना चाहिए .

मुसलमानों के रिज़र्वेशन के मामले में मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी मुसलमानों को आरक्षण देने के खिलाफ नहीं है लेकिन उनकी मांग है कि ओ बी सी के हिस्से से काट कर नहीं . मुसलमानों को अलग से रिज़र्वेशन दिया जाना चाहिए . मायावती ने मीडिया बंधुओं के प्रति भी नाराज़गी जताई और कहा कि स्वर्गीय कांशीराम की इच्छा थी कि दलित महापुरुषों की जब भी मूर्तियाँ बनें तो उसमें मेरी भी मूर्ति लगे लेकिन चुनाव आयोग ने हाथियों और मेरी मूर्तियों को ढंकने का आदेश दे दिया और मीडिया बंधुओं ने उसका खूब प्रचार किया . मीडिया वाले प्रचार तो हमारे कार्यकर्ताओं को कमज़ोर करने के लिए कर रहे थे लेकिन १५-२० दिन तक उस प्रचार के चलते हमारे हाथियों का खूब प्रचार हुआ. आखिर में मायावती ने अपने लोगों को चेताया कि आपके खिलाफ बहुत सारे लोग सक्रिय हैं इसलिए सुबह ही जाकर जाकर अपना वोट डालकर अपनी सरकार बनाने के लिए वोट ज़रूर डालें .