Tuesday, January 18, 2011

अब चोर कोतवालों को डांटते नहीं, उनपर हुकुम चलाते हैं

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शेष नारायण सिंह


पुराने ज़माने में जब को बड़ा चोर पकड़ा जाता था तो बेचारे कोतवाल की मुसीबत बढ़ जाती थी . दबंग चोर अक्सर कोतवाल को डांटते रहते थे .लेकिन उस दौर में ऐसे चोर होते ही बहुत कम थे जो कोतवाल को डांट सकें .इसलिए जब भी कोतवाल चोर को डांटता था तो खबर बन जाती थी . अब ऐसा नहीं होता . अब ज़्यादातर चोर कोतवाल को डांटते ही रहते हैं . यह रिवाज़ बिहार से शुरू हुआ जहां मुहम्मद शहाबुद्दीन नाम का खूंखार बदमाश जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक छात्र नेता को क़त्ल करके मौज करने लगा तो हल्ला गुल्ला हुआ . उस वक़्त बिहार में सामाजिक परिवर्तन के मसीहा लालू प्रसाद जी के रिश्तेदारों की हुकूमत थी. मुख्यमंत्री का अभिनय लालू जी खुद कर रहे थे . बाद में यह रोल भी उन्होंने को दे दिया था .नी पत्नी को मुख्य मंत्री पद पर बिठाकर जेल में छुट्टियां बिताने चले गए थे जहां से उन्होंने कोतवाल को डांटने की कला को नियम के सांचे में बाँधने का काम किया था. इन्हीं लालू जी के राज़ में पब्लिक ने उन्हें परेशान किया और शहाबुद्दीन भी जेल में कुछ वक़्त के लिए चले गए थे . उसी दौर में उस आचार संहिता का विकास हुआ था जिसमें बताया गया है कि जब चोर कोतवाल को डांटे तो कैसे व्यवहार किया जाना चाहिए . इसके पहले भी कांग्रेस के राज में जेल में जाकर आराम करने की परम्परा तो बन चुकी थी, कुछ कम असर वाले लोग अस्पताल वगैरह में भर्ती होकर टाइम पास करते थे लेकिन जेल में ही रहकर हर भले आदमी को गलत साबित करने की कला शहाबुद्दीन के युग में ही शुरू हुई. अब इस खेल में और भी अधिक विकास हो गया है . अब ज़्यादातर दबंग चोर नेतागीरी का काम करने लगे हैं . अब उनके खिलाफ अगर कोई केस बनाने लगता है वे हर उस आदमी को डांटने लगते हैं जो उनके खिलाफ होता है . इस बिरादरी में आजकल सुरेश कालमाडी का नाम सबसे ऊपर है . उन्होंने कामनवेल्थ खेलों के आयोजन का ज़िम्मा मिलने के बाद मुल्क को तबियत से लूटा . उनके साथ कांग्रेस और बीजेपी के बहुत सारे नेता भी लगे हुए थे. लेकिन जैसे ही पकडे गए उन्होंने सबको डांटना शुरू कर दिया . बीजेपी के कुछ नेता ज्यादा बोल रहे तह तो जांच एजेंसियों के कुछ अफसरों को छापा मारने के लिए बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के एक सदस्य के यहाँ अपने कांग्रेसी पार्टनरों से कह कर भिजवा दिया . बीजेपी वाले सन्न हो गए. उसके बाद चोरों की बिरादरी के चक्रवर्ती सम्राट ,ए राजा का नाम भी जोर शोर से उछला . लाखों करोड़ रूपये की बेईमानी से विभूषित राजा साहेब ने पहले सब को खुद डांटा ,बाद में अपने मालिक ,एम करूणानिधि से डंटवाया . जब फिर भी बात नहीं बनी तो अपने कांग्रेसी आकाओं की मार्फ़त जांच का दायरा इतना बड़ा करवा दिया कि उनके ऊपर आरोप लगाने वाले बीजेपी के भी नेता उसी लपेट में आ गए. अब २ जी स्पेक्ट्रम की चोरी की जांच भी मिल बाँटकर खाने वाली रेंज में आ चुकी है . उम्मीद है कि इसका भी वही हाल होगा जो जैन हवाला काण्ड की जांच का हुआ था जिसमें लाल कृष्ण आडवाणी समेत सभी पार्टियों के नेता अभियुक्त थे . जांच हुई लेकिन पता नहीं चला. आजकल उस मामले को फिर से उभारा जा रहा है क्योंकि लाल कृष्ण आडवाणी,शरद यादव और विपक्ष कुछ और नेता जैन हवाला काण्ड का ज़िक्र होते ही दुबक जाते हैं . जैसे बोफोर्स का नाम लेते ही कांग्रेसी घबडा जाते हैं . सरकार को उम्मीद है कि जैन हवाला काण्ड का नाम आगे कर देने के बाद बीजेपी वालों का भी वही हाल होगा जो बोफोर्स का नाम लेने के बाद कांग्रेसियों का होता है. इस तरह से हम देखते हैं अब चोरों ने कोतवाल को डांटना बंद करके कोतवाल को हुक्म देने का काम शुरू कर दिया है .

इस खेल का सबसे ताज़ा उदाहरण आर एस एस के टाप नेता इन्द्रेश कुमार के सन्दर्भ में है . उनपर हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती, गरीब नवाज़ की अजमेर शरीफ़ स्थित दरगाह में तीन साल पहले हुए धमाकों की घटना की साज़िश में शामिल होने का आरोप है . अब पता चला है कि उनेक कुछ चाहने वालों ने उन्हीं ख्वाजा साहेब की मुक़द्दस दरगाह में उनकी सलामती के लिए दुआ माँगी है . इन्द्रेश कुमार के लिए दुआ का आयोजन छत्तीस गढ़ में रहने वाले एक मुस्लिम नेता की अगुवाई में हुआ डॉ सलीम राज नाम के इन महानुभाव का कहना है कि इन्द्रेश बेगुनाह हैं.इन्द्रेश के जेबी संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक मोहम्मद अफ़जाल कहते हैं कि उन्होंने डॉ सलीम के साथ एक समूह ने दरगाह में दुआ की और इन्द्रेश की सलामती के लिए चादर चढ़ाई.दरगाह में ख़ादिमों की संस्था अंजुमन के पूर्व सचिव सरवर चिश्ती कहते हैं कि ये शर्मनाक है, ''मुझे ये सुनकर बेहद दुख हुआ कि ऐसी कोई दुआ इस अमन के मु़द्दस मुक़ाम पर की गई. ऐसे लोग इंसानियत के ग़द्दार है,ये तो मीर जाफ़र जैसी हरकत है. क्या हक़ है ऐसे लोगो को दुआ करने का.''यानी जिस दरगाह को तबाह करने की कोशिश में इन्द्रेश के शामिल होने का आरोप है , उन्हीं ख्वाजा गरीब नवाज़ की शरण में जाकर दुआ मांगने का क्या मातलब है . लेकिन लगता है कि इन्द्रेश जी और भी कुछ बड़े काम करने वालों हैं . नामी अखबार इन्डियन एक्सप्रेस में छपे उनके आज के इंटर व्यू को देखें तो समझ में आ जाएगा कि वे हर उस काम के लिए अपने अलावा बाकी पूरी दुनिया को ज़िम्मेदार मानाने का आग्रह कर रहे हैं जिसमें वे गुनाहगार हैं , मसलन , समझौता एक्सप्रेस में हुए बम धमाकों के लिए वे अब चाहते हैं कि उसके लिए रक्षा , विदेश और गृह विभाग के मंत्रियों की जांच हो . साथ ही राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह की भी जांच हो . यानी जो भी माननीय इन्द्रेश जी के ऊपर आरोप लगाएगा उसे वे हडका लेगें और डांटने लगेंगें .ख्वाजा गरीब नवाज़ से उन्होंने पता नहीं क्यों दुआ मांगने का फैसला किया .

किसी लेख पर विद्वान् विश्लेषक और लेखक वीरेन्द्र जैन की टिप्पणी

वीरेन्द्र जैन्

विष्णु बैरागीजी इस नेट की दुनिया में साम्प्रदाय्क संगठन के कुछ लोग अपने सैकड़ों छद्म नाम बना कर गालियां देने का यह काम ठेके पर कर रहे हैं और वे जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं। तर्क वहां दिया जा सकता है जहाँ लोग ज्ञान पिपासु हों, यहाँ तो मुकुट बिहारी सरोज के शब्दों में कहा जा सकता है-

बन्द किवार किये बैठे हैं, अब आये कोई समझाने
इसलिए इनमें से अगर कोई अज्ञानी भी है तो जीसस के शब्दों में यही कहा जा सकता है कि हे प्रभु इन्हें माफ करना, ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं