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Tuesday, September 13, 2011

अब गाँव से दूर रहने वालों के लिए अलग होगा सीलिंग एक्ट

शेष नारायण सिंह

नई दिल्ली,१२ सितम्बर .केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री, जयराम रमेश एक नया धमाका कर रहे हैं . इस नए काम की धमक दूर तलक महसूस की जायेगी . पर्यावरण मंत्रालय में उन्होंने कुछ बहुत बड़ी कंपनियों को इतना टाईट कर दिया था कि सरकार के लिए उन्हें पर्यावरण मंत्री बनाए रखना असंभव हो गया. अपने नए मंत्रालय में भी वे कुछ बड़ा करने की योजना बना चुके हैं. जयराम रमेश ने एक योजना बनायी है जिसके बाद भूमि सुधार कानूनों में भारी फेरबदल कर दिया जाएगा. केंद्र सरकार की योजना है कि राज्यों के भूमि हदबंदी कानून को बदल दिया जाए. हालांकि भूमि सुधार राज्य का विषय है लेकिन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के माडल भूमि हदबंदी कानून लाने की योजना बना रहा है जिसके अनुसार अपने गाँव से दूर शहरों में रहने वाले लोगों के लिए अलग भूमि हदबंदी कानून बनाया जाएगा . सरकार का प्रस्ताव है कि गैर हाज़िर भूस्वामी को गाँव में रहने वाले भूस्वामी से आधी ज़मीन रखने का अधिकार होगा . यानी अगर यह कानून उत्तर प्रदेश में लागू हो गया तो गाँव से बाहर शहरों में रहने वाले खातेदारों को सवा तीन एकड़ सिंचित भूमि ही रखने का अधिकार रह जाएगा. असिंचित के केस में भी यही फार्मूला लागू होगा .

जयराम रमेश का प्रस्ताव है कि गैर हाज़िर खातेदारों की सूची अब बहुत ही आसानी ने बन जायेगी .केंद्र सरकार की यू आई डी स्कीम वाले कार्ड के बन जाने के बाद देश के हर नागरिक का केवल एक परिचय पत्र रहेगा. वही कार्ड हर सरकारी स्कीम के लिए लागू होगा .जो लोग गाँव से दूर शहरों में रहते हैं ,उनको अपनी नौकरी के स्थान का ही कार्ड बनवाना पड़ेगा . इस तरह अभी तक दो या तीन जगह की मतदाता सूचियों में नाम लिखा कर काम चलाने वालों को एक जगह चुनना पड़ेगा जहां से वे कार्ड बनवाएं . ऐसी हालत में शहर में रह कर काम करने वालों के लिए गाँव का कार्ड नहीं बन पायेगा.

इस योजना की पूरी तैयारी हो चुकी है .ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में २००८ में ही भूमि सुधारों की राष्ट्रीय परिषद् ( एन सी एल आर ) का गठन कर दिया था जो सक्रिय नहीं थी. अब वह सक्रिय कर दी गयी है . भूमि सुधारों की राष्ट्रीय परिषद् की पहली बैठक अक्टूबर में बुलाई जा रही है .इस परिषद् का उद्देश्य भूमि सुधार के बारे में दिशा निर्देश और नीतियाँ तय करना बताया गया है . भूमि सुधार के अधूरे काम को पूरा करने के लिए इस परिषद् के अंदर ही एक कमेटी बनायी गयी है जिसके अध्यक्ष ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश हैं.सरकार की कोशिश है कि भूमि के न्यायपूर्ण वितरण के लिए एक माडल भूमि सुधार कानून की आवश्यकता है . हालांकि राज्यों के सामने कोई बाध्यता नहीं होगी लेकिन केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इंसाफ़ का निजाम स्थापित करने के एजेंडे के साथ राज्यों में सरकार बनाने वाली पार्टिया इस माडल भूमि हदबंदी कानून को लागू करेगीं.