अगर शेखचिल्ली जिंदा होते तो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना गुरू मान लेते। सोनिया गांधी गुजरात के चुनावी दौरे पर जाने वाली हैं और नरेंद्र मोदी ने उन्हें चेतावनी दी है कि गुजरात संभलकर आएं। गोया गुजरात मोदी साहब की जागीर है और अगर कोई वहां जाता है तो उसे मोदी से अनुमति लेनी होगी।
पहले वास्तविकता पर गौर कर लेना चाहिए। नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हैं और जिस सोनिया गांधी के लिए कठोर शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, उनके खिलाफ मोदी की पार्टी पिछले दस वर्षों से नफरत की राजनीति कर रही है। जिस प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी के राष्टï्रीय नेता, लालकृष्ण आडवाणी गली-गली घूम रहे हैं, उसी प्रधानमंत्री पद को सोनिया गांधी ने स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। 2004 के चुनावों में बीजेपी और उसके साथ सत्ता का सुख भोग रही पार्टियों ने सारी ताकत झोंक दी थी लेकिन सोनिया गांधी की पार्टी ने केन्द्र में सरकार बना ली थी। यह साफ कर देना जरूरी है कि सोनिया गांधी या उनकी पार्टी दूध के धुले नहीं हैं। पंजाब, असम और तमिलनाडु में आतंकवाद को बढ़ावा देने में उनकी पार्टी और उनके परिवार का योगदान कम नहीं है।
बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय, केंद्र में उनकी पार्टी की सरकार थी, प्रधानमंत्री पद पर कांग्रेस का कब्ज़ा था, लेकिन उत्तरप्रदेश के उस वक्त के भाजपाई मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट को अंधेरे में रखकर बाबरी मसजिद ढहा दी। देश में भ्रष्टाचार की जो परंपरा है उसमें कांग्रेसी नेता भी भाजपा के नेताओं से कम नहीं है। इस सबके बावजूद भी राजनीतिक रूप से मोदी की वह औकात नहीं है कि वह सोनिया गांधी को धमकाएं। मोदी और उनकी पार्टी के ऊपर दंगों को भड़काने वाली पार्टी होने का आरोप लगता रहा है। देश में 1927 के नागपुर दंगे के बाद हुए ज्यादातर दंगों में आरएसएस के लोग शामिल रहे हैं। गुजरात में 2002 में जो कारनामा मोदी ने किया, उसकी वजह से दुनिया भर के सामने भारत का सिर नीचा हो गया और जब मोदी पर बड़बोलेपन का दौरा पड़ता है तो वह सब कुछ भूल जाते हैं।
जिस विकास की बात मोदी कर रहे है वह गुजरात में हमेशा से ही रहा है। गुजरात के नेताओं हितेंद्र देसाई और मोरारजी देसाई के समय में गुजरात में जो विकास हुआ था, मोदी का विकास उसके सामने कुछ नहीं है। लेकिन सोनिया गांधी को दी गई नरेंद्र मोदी की धमकी को गंभीरता से लेने की जरूरत है। सोनिया की प्रस्तावित यात्रा के नतीजों से मोदी डर गए हैं और आशंका यह है कि वे सोनिया गांधी की सभा में अपने कुछ लोगों को भेजकर सवाल पूछने के बहाने उत्पात करने को कह सकते है। इसलिए कांग्रेस, सोनिया गांधी और केंद्र सरकार को चौकन्ना रहने की जरूरत है। मोदी एक बहुत ही शातिर दिमाग के मालिक हैं और वह कोई भी शरारत करवा सकते है।
badhiya hai
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