Showing posts with label अफगान. Show all posts
Showing posts with label अफगान. Show all posts

Wednesday, July 25, 2012

पाकिस्तानी फौज की अफगान गाँवों पर गोलीबारी से शान्ति को ख़तरा



शेष नारायण सिंह 
नई दिल्ली, २४ जुलाई. भारत और पाकिस्तान के बीच शान्ति की तलाश कर रहे लोगों को पाकिस्तानी हुकूमत से और निराशा हुई है . खबर है कि पाकिस्तान की ओर से पश्चिमी अफगानिस्तान के इलाकों में लगातार आर्टिलरी की गोलीबारी चल रही है. अभी एक दिन पहले अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने काबुल स्थिति पाकिस्तानी राजदूत को बुलाकर समझाया था कि इस तरह की घटनाओं से  दोनों देशों के बीच रिश्ते और भी खराब होंगें . नई दिल्ली में मौजूद भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती का अभियान चलाने वाले कार्यकर्ताओं को इस बात की चिंता है कि अगर पाकिस्तानी फौज देश में  युद्ध का माहौल बनाने में सफल हो जाती है तो आस पास के सभी देशों के बीच तनाव बढेगा.
बीती रात पाकिस्तानी सीमा से अफगान गाँवों पर तोप के गोले  दागे गए . सुकून की बात यह है कि जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन अफगान राज्य कोनार के दंगम जिले के कुछ  गाँवों  में रात में  गोले गिरते रहे.कोनार  के गवर्नर वसीफुल्ला वसीफी ने बताया कि जहां गोलीबारी हुई है उन इलाकों में लोगों के बीच दहशत है .कोनार पुलिस के बड़े अफसर एवाज़ मुहम्मद नजीरी ने कहा है कि  पिछले एक महीने में  पाकिस्तान की तरफ से करीब  २००० गोले दागे गए  जिस से भारी नुकसान हुआ है लेकिन पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि ऐसी कोई बात नहीं है.
अभी कुछ दिन पहले पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री  राजा परवेज़ अशरफ ने काबुल में अफगान  राष्ट्रपति हामिद करज़ई को भरोसा दिलाया था  कि उनकी तरफ से शान्ति भंग की कोई भी घटना नहीं होगी . दोनों नेता तालिबान को यह समझाने के लिए मिले थे कि वे सीमा के दोनों ओर से गोलीबारी बंद कर दें .लेकिन  गोलीबारी जारी है . यह इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान की सेना पर उनके सिविलियन शासकों का कोई असर नहीं है.इसी रविवार के दिन अफगानिस्तान के उप विदेश मंत्री  जावेद लुदिन ने पाकिस्तान के अफगानिस्तान में तैनात राजदूत, मुहम्मद सादिक को बुलाकर फटकार लगाई थी कि अगर गोलीबारी इसी तरह से जारी रही तो दोनों देशों के बीच के रिश्ते और भी खराब हो जायेगें. ऐसा लगता है अमरीका से नार्जा पाकिस्तानी फौज बड़े देश का तो कुछ नहीं बिगाड़  पा रही है लेकिन अमरीका के दोस्त अफ्गान्सितान को परेशान कर रही है. पाकिस्तानी मामलों के जानकारे बता रहे हैं कि यह पाकिस्तानी सेना और आई एस आई की पुरानी चाल  है .