Friday, August 10, 2012

रामदेव का उपवास उल्लासपूर्ण माहौल में शुरू,कांग्रेस को दिक्क़त नहीं



शेष नारायण सिंह 
नई दिल्ली,९ अगस्त. योग शिक्षक  रामदेव  का तीन दिन का  उपवास आज रामलीला मैदान में पूरे जोश खरोश के साथ शुरू हो गया. तीन दिन के  इस उपवास में उनके करीब २० हज़ार समर्थक सवेरे ही रामलीला मैदान पंहुच चुके थे. खबर है कि उनके बहुत सारे समर्थक भी उनके साथ उपवास कर रहे हैं . राम लीला मैदान में रामदेव के भाषण के  बाद माहौल बहुत ही उल्लासपूर्ण  था क्योंकि  अब समर्थकों को भरोसा हो गया है कि  पिछली बार की तरह इस बार रामलीला मैदान में  पुलिस की लाठियां नहीं चलेगीं.  शुक्रवार को जन्माष्टमी है . उस दिन लोग वैसे भी व्रत रखते हैं और शनिवार को तीन दिन पूरे हो जायेगें. रामदेव ने इस बार  बहुत ही चतुराई  से अपने आपको अन्ना हजारे की टीम से अलग  कर दिया  है.. उन्होंने मंच से ऐलान किया कि उनका आन्दोलन किसी  भी पार्टी के  खिलाफ नहीं है और वे काले धन को वापस लाने के अलावा अब एक मज़बूत लोकपाल के लिए भी संघर्ष  कर रहे हैं .रामदेव ने साफ़ कहा कि वे उसी लोकपाल को पास करवाने  की माग कर रहे हैं जिसे  लोक सभा में  पास किया जा चुका है. उन्होंने कहा  वे सी बी आई के निदेशक , सी ए जी, मुख्य  विजिलेंस  कमिशनर , और  चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को पारदर्शी  बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं . 
रामदेव ने अपने भाषण में साफ़ किया कि वे किसी भी नेता के खिलाफ कुछ नहीं बोलेगें. अन्ना हजारे की टीम वालों की तरह वे किसी भी मंत्री के खिलाफ कुछ नहीं बोलेगें. उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोकसभा में पास हुए लोकपाल में कुछ कमियाँ हैं और वह ९८ प्रतिशत सही है तो उसे पास करवा लेना चाहिए , बाकी २ प्रतिशत की जो कमी रह जायेगी उसे बाद  में ठीक करवा लिया जाएगा  लेकिन एक मज़बूत लोकपाल पास होना बहुत ज़रूरी है .बाबा के इस नरम रुख के बाद उनके समर्थको में  बहुत उत्साह है . कांग्रेस पार्टी ने भी  राहत की साँस ली है. बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी रामदेव के पाँव छुए और रामदेव ने गुजरात जाकर  अपने भाषण में नरेंद्र मोदी  को महान बताया  तो कांग्रेस पार्टी में  दहशत थी लेकिन आज कांग्रेसी बहुत खुश हैं .  कांग्रेस पार्टी के एक बड़े नता  ने बताया कि रामदेव जिन मुद्दों पर आन्दोलन कर रहे हैं उन पर तो कांग्रेस का भी भरोसा है . ज़ाहिर है कि कांग्रेस में इस आन्दोलन को लेकर अब कोई चिंता नहीं  है .  रामदेव की तरफ पार्टी न बनाने जाने के फैसले से बीजेपी भी खुश है . यह अलग बात है कि कांग्रेस के प्रति नरम हो जाने एक बाद बीजेपी के नेता अभी निजी  बातचीत में रामदेव के प्रति नाराज़गी जाता रहे हैं .

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