शेष नारायण सिंह
नई दिल्ली ,२८ दिसंबर.केंद्र सरकार ने पिछड़े वर्गों के रिज़र्वेशन के २७ प्रतिशत के कोटे से साढ़े चार प्रतिशत निकाल कर पिछड़े मुसलमानों को रिजर्वेशन देने के अपने फैसले को बिलकुल पुख्ता कर दिया है . उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव घोषित होने के ठीक पहले सरकार की तरफ से आये इस आदेश को अब अमली जामा पहना दिया गया है.अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज लोक सभा में विस्तार से बताया कि इस तरह के आरक्षण का औचित्य क्या है .इस व्यवस्था को तुरंत से लागू कर दिया गया है . यह रिज़र्वेशन सरकारी नौकरियों में होगा और शैक्षिक संस्थाओं में प्रवेश लेने वाले पिछड़े मुसलमानों को मिलेगा. लोक सभा में बताया गया कि इस सन्दर्भ मानव संसाधन विकास मंत्रालय और कार्मिक , लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की ओर से बाकायदा प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है . इस साढ़े चार प्रतिशत के आरक्षण के लिए मुस्लिम,सिख,ईसाई,बौद्ध और पारसी धर्मों की ओबीसी जातियों के लोग योग्य माने गए हैं .
केंद्र सरकार की ओर से आज बताया गया कि मंडल कमीशन की सिफारिशें १९९० में ही लागू कर दी गयी थीं लेकिन उसमें मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों की पिछड़ी जातियों के लोगों को शामिल नहीं किया गया था. मुसलमानों के पिछड़ेपन के बारे में सही आकलन करने के लिए डॉ मनमोहन सिंह सरकार ने २००४ में ही रंग नाथ मिश्रा आयोग का गठन कर दिया था .इस कमीशन को धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को चिन्हित करने का काम सौंप दिया गया था इस आयोग ने मई २००७ में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी थी. इस रिपोर्ट को संसद के दोनों सदनों में दिसंबर २००९ में रख दिया गया था . उन्होंने मुसलमानों के लिए १० प्रतिशत और अन्य अल्पसंख्यकों के लिए ५ प्रतिशत आरक्षण की बात की थी . उन्होंने यह भी कहा था इस सिफारिश को लागू करने के लिए संविधान के अनुच्छेद १६ ( ४ ) में संशोधन करना पडेगा . मनमोहन सिंह की सरकार ने २००५ में सच्चर कमेटी का गठन किया था जिसका काम मुस्लिम समुदायों की सामाजिक ,आर्थिक,और शैक्षिक स्थिति पर रिपोर्ट तैयार करना था . सच्चर कमेटी ने पाया था कि मुस्लिम समुदाय देश के सबसे पिछड़े वर्गों में से एक है . .इसलिए इस समुदाय पर ख़ास ध्यान दिया जाना चाहिए . मुसलमानों को रिज़र्वेशन देने के लिए केंद्र सरकार ने इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार वाले सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि सरकार के पास कोटे के अंदर कोटा करके रिज़र्वेशन देने का अधिकार है .इसलिए यह रिज़र्वेशन कानून की कसौटी पर बिलकुल सही है .उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस आरक्षण से सबसे ज्यादा प्रभावित समाजवादी पार्टी होगी. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि मुसलमानों को उनकी आबादी के आधार पर रिज़र्वेशन देना चाहिए और उनको १८ प्रतिशत रिज़र्वेशन मिलना चाहिए. मुलायम सिंह यादव के इस बयान का राजनीतिक अर्थ है . ज़ाहिर है वे मुसलमानों के प्रिय नेता का अपना मुकाम आसानी से छोड़ने को तैयार नहीं हैं
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