Thursday, June 6, 2013

सिख आतंकवाद फिर सर उठा रहा है -गृहमंत्री


शेष नारायण सिंह

नयी दिल्ली ५ जून .छत्तीसगढ़ के जीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हुए बर्बर हमले की पृष्ठभूमि में आज यहाँ मुख्यमंत्रियों के सम्मलेन में प्रधानमंत्री ने देश की चिंता को रेखांकित किया . मूलरूप से आतंरिक सुरक्षा के लिए बुलाई गयी बैठक में माओवादी हिंसा के अलावा साम्प्रदायिक हिंसा और महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा का मुकाबला करने का भी आह्वान किया गया . गृहमंत्री शुशील कुमार शिंदे ने कहा कि  अस्सी  के दशक में देश को अस्थिरता  के मुकाम तक पंहुचा चुके सिख आतंकवाद ने भी सिर उठाना शुरू कर दिया है . उन्होंने बताया कि  विदेशों में बसे सिखों को पाकिस्तान सरकार और आई एस आई की मदद से भारत के खिलाफ भड़काने का काम एक बार फिर शुरू हो गया है .

प्रधानमंत्री ने दावा किया कि नक्सलवाद की  चुनौती पर सरकार पूरा ध्यान दे रही है .उन्होंने कहा कि वामपंथी आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए  सरकार ने सुरक्षा बलों को बहुत ही मजबूती से सक्रिय कर दिया है लेकिन आदिवासियों की समस्याओं को हल करना और उस इलाके में विकास को हमेशा प्राथमिकता दी जायेगी इस रणनीति को लागू करने के लिए हर कोशिश की जा रही है . वामपंथी आतंक से सबसे ज़्यादा प्रभावित जिलो  में सुरक्षा का तंत्र बहुत ही मज़बूत किया जा रहा है . इन जिलों में केंद्र की योजनाओं को और उपयोगी बनाने के लिए  नियमों में बदलाव किया जा रहा है  . इसके अलावा ८२  जिलों में विकास की रफ़्तार को बहुत तेज़ किया जा रहा है जहां आदिवासी आबादी बहुत ज़्यादा है और जहां अब तक विकास की भारी कमी  है  . वामपंथी आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए देश में राजनीतिक माहौल बनाने की ज़रुरत है और उसे हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों की एक बैठक बुलाई गयी है .प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर, और पूर्वोत्तर राज्यों में चल रहे आतंकवाद विरोधी कार्यों को भी गिनाया . प्रधानमंत्री ने महिलाओं  ,बच्चों और अल्प्संक्यकों के खिलाफ हो रही  हिंसक घटनाओं पर भी रोक लगाने के लिए ऐसा ढांचा तैयार करने की बात की जिसके बाद इस तरह की वारदात को होने से पहले ही रोक जा सके .

सम्मलेन में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने देश में आतंकवाद की घटनाओं में पाकिस्तानी भूमिका की ज़बरदस्त आलोचना की . उन्होंने बताया कि  पाकिस्तान सरकार और आई एस आई के लोग एक बार फिर सिख आतंकवाद को हवा देने के काम में जुट गए हैं .सिख नौजवानों  को एक बार फिर आई एस आई के ठिकानों पर ट्रेनिंग दी जा रही है .उन्होंने कहा कि  आई एस आई के लोग नेपाल और बंगलादेश के रास्ते भी हमारे देश में आतंकवादी भेज रहे हैं जो चिंता का विषय है .पाकिस्तान की जेहादी तंजीमें  पाकिस्तान से भारत के आतंकवादियों को धन भेज रही हैं . इस काम में हवाला के अलावा वेस्टर्न युनियन मनी ट्रांसफर का भी इस्तेमाल हो रहा है .

इस सम्मेलन में मुख्यमंत्रियों के भाषण भी हुए . हालांकि उनका भाषण शुरू होने के पहले मीडिया को बाहर कर दिया गया लेकिन सभी मुख्यमंत्रियों ने अपने भाषण पत्रकारों के बीच बंटवा दिया था और सभी भाषणों में उनकी घोषित नीतियों को ही उठाया गया था. सम्मेलन में ममता बनर्जी और जयललिता नहीं शामिल हुईं लेकिन रमण सिंह . नरेन्द्र मोदी, सिद्धरमैया आदि मुख्यमंत्री आये और अपना भाषण बंटवाया  बाद में नयी दिल्ली में तैनात राज्यों के सूचना अधिकारी टी वी चैनलों के रिपोर्टरों से अपने मुख्यमंत्री  की बाईट लगवाने के लिए  निवेदन करते देखे गए 

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