शेष नारायण सिंह
जयपुर घोषणा पत्र जारी होने के साथ साथ राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का एक तरह से सारा ही काम काज दे दिया गया। जयपुर घोषणा पत्र में धर्म निरपेक्ष और प्रगतिशील ताक़तों से एकजुट होने की अपील की गयी है . और जो लोग समाज में ध्रवीकरण के ज़रिये दुशमनी पैदा करना चाहते हैं उनको शिकस्त देने की बात की गयी है .यू पी ए सरकार की आठ साल के एउप्लाब्धियों को लेकर वोट मांगने जाने के लिए तैयार कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी अपने संघर्ष को जारी रखेगी।लोकपाल बिल के बारे में हुयी प्रगति को पार्टी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई के उदाहरण के तौर पर पेश किया है .राजनेताओं और सरकारी अफसरों के भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़रूरी मुहिम चलाई जायेगी।
कांग्रेस पार्टी ने स्वीकार किया है कि अल्पसंख्यकों के अधिकार अभी भी पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं .इसके लिए सरकार से मांग भी कर डाली गयी है . जयपुर घोषणा पात्र ने अल्पसंख्यकों के लिए बनायी गयी सच्चर कमेटी की सिफारिशों को प्रासंगिक माना है अब कांग्रेस प्रधान मंत्री के १५ सूत्री कार्यक्रम को लागू करने में सरकार को सहयोग करेगी.
पिछले दिनों सडकों पर आ रहे नौजवानों के गुस्से को भी कांग्रेस ने पहचाना है . शहरी और ग्रामीण नौजवानों के सपनों की शिनाख्त करके उन्हने पूरा करने की दिशा में काम करने की बात की गयी है .पकिस्तान के बारे में कांग्रेस ने दृढ रुख अपनाया है और तय किया है कि देश की आतंरिक और बाह्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा और आतंकवाद को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा .पाकिस्तान के बारे में सोनिया गांधी के भाषण में जिन मानदंडों की बात की गयी थी उसे जयपुर घोषणा पत्र का हिस्सा बनाया गया है . अलगाव वादी ताक़तों और साम्प्रदायिक ताक़तों के खिलाफ जारी राजनीतिक प्रयास को और तेज़ किया जाएगा .और उन्हें राजनीतिक स्तर पर हल करने की योजना बनायी जायेगी .न्याय पालिका और चुनाव प्रक्रिया में सुधार को प्राथमिकता दी जायेगी क्योंकि इन रास्तों से भ्रष्टाचार सबसे ज्यादा हो रहा है .. " आपका पैसा आपके हाथ " कार्यक्रम को भी कांग्रेस अपने कार्यक्रम के रूप में पेश कर रही है और उसे लेकर उसके कार्यकर्ता अब जनता के बीच में जायेगें।
मूलभूत स्वास्थ और स्वच्छता के कार्यक्रमों को भी प्रमुखता दी जायेगी . माओवादी आतंकवाद को राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर कमज़ोर करने के लिए कम किया जायेगा।असमानता को कम करके रोज़गार के सृजन के साथ समावेशी विकास को सुनिश्चित करना सबसे बड़ी सामाजिक आर्थिक चुनौती है ./ साल २०२० तक महिलाओं और बच्चों को कुपोषण का शिकार न होने देने का भी संकाल्प उठाया गया है .घोषणा पत्र में किसानों के लिए भी कुछ विषय डाले गए हैं .किसानों की ज़मीन लेने के पुराने कानून को बदल कर उसे आधुनिक बनाने की बात की गयी है .खाद्य सुरक्षा को पक्का करना भी जयपुर घोषणा पत्र की एक खास बात है भारतीयों में उद्यमिता के विकास को महत्व दिया जाएगा और कोशिश की जायेगी और पूंजी निवेश को प्रमुखता दी जायेगी. पूंजी देशी और विदेशी दोनों तरह की हो सकती है . हैंडलूम को विकसित करने की बात भी की गयी है .पंचायती राज संस्थाओं , सरकारी स्कूलों और ग्रामीण नौजवानों के शैक्षिक विकास के लिए सरकारों की मदद के काम में कांग्रेसी कार्यकर्ता भी लगाए जायेगें .बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को आर्थिक विकास की बुनियाद माना गया है और उनके विकास के लिये पार्टी हर प्रयास करेगी,संचार और सूचना के क्षेत्र में आई क्रान्ति को आम आदमी और अपनी पार्टी के हित में प्रयोग करने की भी कोशिश भी कांग्रेस पार्टी करेगी
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महिलाओं के सुरक्षा के मसले पर सोनिया गांधी और अन्य नेता बहुत संतुष्ट नहीं है . जिस से भी बात की गयी सभी दिल्ली गैंग रेप की घटना से विचलित नज़र आये .कांग्रेस ने २००२ में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए एक कार्य योजना बनाई थी . अब उसे अपने कार्यक्रम में शामिल करके उस दिशा में आगे बढ़ने का कार्यक्रम बना लिया गया है .लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति को बढ़ाया जाएगा.यौन अत्याचारों की परिभाषा के बारे में चल रही राष्ट्रीय बहस में कांग्रेस ने अपने आपको जोड़ दिया है और तय किया है है कि जहां जहां कांग्रेस सरकारें हैं वहाँ पुलिस फ़ोर्स में ३० प्रतिशत महिलाओं को भर्ती किया जाएगा. . महिलाओं के लिए एक अलग राष्ट्रीय बैंक की स्थापना की जायेगी जो महिलाओं के कार्यक्रमों को उसी तरह से समर्थन देगी जिस तरह से खेती के कार्यक्रमों को नाबार्ड बैंक देता है . १८ से ६० साल की आयु के बीच की निराश्रित, परित्यक्ता और विधवा महिलाओं को उचित पेंशन दी जायेगी लेकिन इसमें एक सवाल पूछा जा रहा है कि ६० साल से ऊपर आयु की महिलायें कहाँ जायेगीं . कांग्रेस पार्टी में अब ३० प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए रिज़र्व कर दी जायेगीं.
विदेश नीति में नेहरू की विदेश नीति के आधार पर दावा करते हुए दुनिया में हुए बदलाव और कोल्ड वार की समाप्ति के हवाले से अमरीका परस्ती के ढर्रे पर चलने के संकेत दिए गए हैं .संगठन के स्तर पर कुछ काम लीक से हटकर किये जायेगें . ब्लाक और जिला स्तर पर कमेटियों में उन्हीं लोगों को स्थान दिया जायेगा जिन्होंने पंचायत के स्तर पर कहीं चुनाव में सफलता पायी हो . इसी योजना के सहारे सभी वर्गों के लोगों को कांग्रेस में काम दिया जाएगा .बूथ और ब्लाक स्तर पर भी कांग्रेस कमेटियों का गठन किया जायेगा .