शेष नारायण सिंह
नई दिल्ली, २१ सितम्बर .बीजेपी ने राजस्थान सरकार के इस्तीफे की मांग की है . पार्टी का आरोप है कि राजस्थान के भरतपुर जिले के गोपालगढ़ गांव में 14 सितंबर को पुलिस ने एक समुदाय के लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की और लोगों की जान गयी . कांग्रेस के राशिद अल्वी इस मामले की जांच के लिए गोपाल गढ़ गए थे और उन्होंने राज्य के गृह मंत्री को घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराया . बीजेपी का आरोप है कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद राजस्थान की पूरी सरकार को इस्तीफ़ा दे देना चाहिये . जब बीजेपी प्रवक्ता को बताया गया कि आप लोग गुजरात में हज़ारों मुसलमानों की हत्या के बाद भी नरेंद्र मोदी को दोषी नहीं मानते हैं तो उन्होंने कहा कि गोपालगढ़ में सीधे तौर पर राज्य सरकार का हाथ है . मानवाधिकार संगठन ,पी यू सी एल का आरोप है कि इस मामले में पुलिस का गैर ज़िम्मेदार रवैया ही सबसे ज्यादा चिंता की बात है . अजीब बात है कि पुलिस ने दो लोगों के आपसी विवाद में भाग लेते हुए एक खास समुदाय को निशाना बनाया.
गोपालगढ़ की इस घटना में आठ लोग मारे गए और अधिकारिक रूप से 23 लोग घायल हुए। जिन आठ मृतकों की शिनाख्त हुई है, वे सभी अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं। 23 लोग घायल हुए, इसमें से 19 लोग अल्पसंख्यक समुदाय के हैं. यदि पुलिस ने सही कदम उठाते हुए गोलीबारी की है, तो यह एक पहेली है कि मरने वाले सभी एक ही समुदाय के कैसे हो सकते हैं. शुरुआती जांच में पता चला है कि पुलिस ने 219 राउंड गोलियां चलाईं. गोलीबारी से पहले सिर्फ आंसू गैस के गोले छोड़े जाने का उल्लेख है लेकिन लाठीचार्ज या रबर बुलेट का कोई जिक्र नहीं आया है।
पीयूसीएल के अनुसार अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर उन्हें जलाया भी गया। यह जांच करने की जरूरत है कि यह किसने किया। गोलीबारी के बाद मस्जिद परिसर पुलिस के नियंत्रण में था . पी यू सी एल का आरोप हैं कि इस घटना के पीछे स्थानीय पुलिस के अलावा आरएसएस, बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ता शामिल हो सकते हैं। आरोप यह लगाया कि ये लोग घटना से पहले थाने में थे, जहां दोनों समुदाय के बीच समझौते के लिए बैठक चल रही थी तथा इन्हीं लोगों ने दबाव बनाकर कलेक्टर से फायरिंग के आदेश लिखवाए। इसकी भी जांच करवाए जाने की आवश्यकता है. यह भी पता चला है कि गोपालगढ की मस्जिद की दीवारों पर गोलियों के निशान थे. खून के निशान भी मिले हैं .मारने के बाद लोगों को घसीटा भी गया .
नई दिल्ली में आज कांग्रेस के प्रवक्ता ने इसे बहुत ही दुखद और दुभाग्यपूर्ण बताया लेकिन वे इस से आगे जाने को तैयार नहीं थे. जब पूछा गया कि यह मामला तो गुजरात जैसा ही है तो उन्होंने एतराज़ किया और कहा कि गोपाल गढ़ के मामले में अभी कोई सबूत नहीं हैं . गुजरात के मामले में तो सबूत सुप्रीम कोर्ट तक पंहुच चुके हैं . बहरहाल कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद मुसलमानों को टार्गेट करके मारने की इस घटना से सभ्य समाज में बहुत नाराज़गी है .
Showing posts with label गोपालगढ़. Show all posts
Showing posts with label गोपालगढ़. Show all posts
Thursday, September 22, 2011
Subscribe to:
Posts (Atom)