शेष नारायण सिंह
नई दिल्ली,२१ सितम्बर. लाल कृष्ण आडवाणी ने बीजेपी की तरफ से २०१४ के लोक सभा चुनाव के वक़्त प्रधान मंत्री पड़ की दावेदारी से किनारा कर लिया है .आज सुबह नागपुर की यात्रा पर तलब किये गए आडवाणी ने आर एस एस को भरोसा दिला दिया है कि अब वे देश के सर्वोच्च पद के लिए दावेदारी नहीं करेगें . उनके इस बयान के बाद नई दिल्ली में बीजेपी के अंदर का राजनीतिक संघर्ष तेज़ हो गया है . इस संघर्ष के तार अहमदाबाद से भी सीधे तौर पर जुड़ गए हैं.आज जब दिल्ली में पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर से पूछा गया कि क्या आडवाणी के नागपुर के बयान के पीछे आर एस एस का दबाव था क्योंकि दिल्ली में आठ सितम्बर को जब उन्होंने अपनी रथ यात्रा का ऐलान किया था तो उन्होंने प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के सवाल को खुला छोड़ दिया था. आज नागपुर में उन्होंने साफ़ कहा कि उन्हें पार्टी, संघ और मीडिया से जितना प्यार मिला है वह प्रधान मंत्री पद से ज्यादा महत्वपूर्ण है.पार्टी प्रवक्ता ने अपना आग्रह नहीं छोड़ा और यही कहते रहे कि आडवाणी जी ने भ्रष्टाचार विरोधी यात्रा के ऐलान के समय जो कुछ दिल्ली में कहा था वही बात उन्होंने नागपुर में भी कही. लेकिन बीजेपी के अंदर की खबर रखने वाले बताते हैं कि अब बीजेपी की राजनीति में आडवाणी युग समाप्त हो गया है और आर एस एस के टाप नेताओं की मौजूदगी में आज यह बात नागपुर में बिलकुल पक्के तौर पर तय कर दी गयी है . इसीलिये आडवानी ने आज नागपुर में कहा कि मैं पार्टी के साथ बना हूँ औअर यह उनके लिय एबहुत खुशी की बात है . उन्होंने साफ़ कहा कि वे प्रधान मंत्री नहीं बनना चाहते.बीजेपी प्रवक्ता ने आज स्पष्ट किया कि जिस रथयात्रा की घोषणा आडवाणी जी ने ८ सितम्बर को की थी , वह अभी रद्द नहीं की गयी है . लेकिन अभी उसके बारे में विस्तार से कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
आडवाणी के इस बयान के बाद बीजेपी की राष्ट्रीय राजनीति में एक बार फिर उठापटक का दौर शुरू हो जाने की आशंका है . बीजेपी वालों को अनुमान है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार पूरी तरह से घिर चुकी है इसलिए अगले चुनाव में उसका जीतना असंभव है . उस खाली जगह को भरने के लिए बीजेपी के नए टाप नेता कोशिश कर रहे हैं . आडवानी के मैदान छोड़ देने के बाद यह रसाकशी और तेज़ हो जायेगी इस सम्बन्ध में जब कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बीजेपी में प्रधानमंत्री पद के कम से कम पांच दावेदार हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी की आन्तरिक राजनीतिक उथल पुथल के बारे में वे कुछ नहीं कहना चाहते लेकिन उन्होंने बीजेपी का मजाक उडाना जारी रखा . बहरहाल बीजेपी में लाल कृष्ण आडवानी के नागपुर में दिए गए बयान के बाद सत्ता की दावेदारी का संघर्ष तेज़ हो गया है .
Thursday, September 22, 2011
आर एस एस ने आडवाणी को प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से अलग किया
Labels:
आडवाणी,
आर एस एस,
प्रधानमंत्री पद की दावेदारी,
शेष नारायण सिंह
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
सुषमा स्वराज,अरुण जेटली और गुपचुप राजनाथ सिंह पी एम के लिए दावेदार बनेंगे ऐसी संभावना है।
ReplyDelete