Tuesday, September 13, 2011

नक्सल इलाकों में सी आर पी एफ के इंजीनियर सड़क बनायेगें

शेष नारायण सिंह

नई दिल्ली ,१२ सितम्बर. देश के ६० नक्सल प्रभावित जिलों के कलेक्टरों को १३ सितम्बर को नई दिल्ली में तलब किया गया है . उनको दिन भर चलने वाले एक वर्कशाप में ग्रामीण विकास की स्कीमों को प्रभावी तरीके से लागू करने के बारे में माकूल रणनीतियों की जानकारी दी जायेगी. इमकान है कि ग्रामीण विकास के कार्यक्रमों में हो रही भारी लूट को रोकने की गरज से बुलाई गयी इस बैठक में कुछ नई योजनाओं पर भी चर्चा की जायेगी . सरकार की तरफ से संकेत दिया गया है कि सत्ता के सर्वोच्च स्तर पर बैठे लोगों को मालूम है कि इन ६० जिलों में सबसे ज्यादा लूट प्रधानमंत्री ग्राम सड़क परियोजना के लिए दिए गए फंड में हो रही है . सरकार का प्रस्ताव है कि इस योजना में बनने वाली सडकों को अब कच्ची सड़क के रूप में विकसित करने पर रोक लगा दी जाए. सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिया है कि नक्सल प्रभावित इन जिलों में सड़क बनने का काम सी आर पी एफ की इंजीनियरिंग शाखा को सौंप दिया जाए और उनको हिदायत दी जाए कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क परियोजना की स्कीमो के अंतर्गत बनने वाली सड़कें अब कांक्रीट की बनायी जाएँ जिस से वे स्थायी रह सकें और उनको बारिश में कोई नुकसान न हो . अभी तक तो इस योजना की लगभग पूरी रक़म गाँव के नेता और अधिकारी हड़प कर लेते हैं . नक्सल इलाकों में यह रक़म नक्सली मुकामी ग्राम प्रधानों और अधिकारियों से छीन कर ले जाते हैं जिसका इस्तेमाल सरकार और जनता के खिलाफ ही किया जाता है .

६० जिलों के जिलाधिकारियों को बुलाकर उन के साथ अब तक हुए काम की समीक्षा तो की ही जायेगी . उनके सामने आ रही दिक्क़तों भी केंद्र और राज्य सरकारों के बड़े अधिकारियों और मंत्रियों की मौजूदगी में समझने की कोशिश की जायेगी . हर कलेक्टर को ८ मिनट का समय दिया जाये़या जिसमे वह अपनी समस्या को बताएगा. इस योजना में उत्तर प्रदेश का केवल सोनभद्र जिला शामिल है . जबकि आन्ध्र प्रदेश के २ जिले, बिहार के ७ , छत्तीस गढ़ के १० ,झारखण्ड के १४ , मध्य प्रदेश के ८, महाराष्ट्र के २ ,ओडिशा के १५ जिले और पश्चिम बंगाल का एक जिला है. इन ६० जिलों में ४२ जिले आदिवासी बहुल हैं.. विज्ञान भवन में आयोजित इस वर्कशाप में प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह मुख्य अतिथि होंगें जबकि गृहमंत्री पी चिदंबरम और ग्रामीण विकास मंत्री ,जयराम रमेश सक्रिय भागीदारी करेगें . इन विभागों के छोटे मंत्री भी कार्यक्रम में मौजूद रहेगें. इसके अलावा नौकरशाही भी बड़ी संख्या में हाज़िर रहेगी

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